अनुभूति में
सुरेन्द्र सुकुमार
की रचनाएँ-
गीतों में-
कहानी सुनाने के दिन
तन तो रेगिस्तानी टीला
संकलन में-
धूप के पाँव-
धूप के पाँव
वर्षा मंगल-
सावन की पहली बारिश
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कहानी सुनाने के
दिन सोने के पंख वाली
परियों की
कहानी सुनाने के दिन गए
पैसों के पेड़ कहाँ होते हैं
बेटे का बचपन ये सोचता
भूख को मिटाने या मरने के
भइया भी उपचार खोजता
दैत्य कारागार हथकड़ियों की
कहानी सुनाने के दिन गए
सोने के पंख वाली परियों की
कहानी सुनाने के दिन गए
शब्दों की नाव पर बिना चढ़े
देह की उदासी कहती कथा
झरबेरी बन जाते मौलसिरी दिन
सालती कुछ न कह पाने की व्यथा
कंगन पायल मोती लड़ियों की
कहानी सुनाने के दिन गये
सोने के पंख वाली परियों की
कहानी सुनाने के दिन गए
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४ अगस्त २०१४ |