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अनुभूति में वेणुगोपाल की रचनाएँ-

कविताओं में-
उड़ते हुए
देखना और सुनना
साथ
ख़तरे
सफ़र
 

  साथ
अंधेरे में हो
इसीलिए
अकेले हो
रोशनी में आओगे
तो
कम से कम
अपने साथ
एक परछाई
तो
जुड़ी पाओगे।

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अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

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