अनुभूति में राजेश कुमार सिंह की कविताएँ- छंदमु्क्त में- अंकुर कुछ इसलिए भी कैसे कैसे समय भावी जीवन की तैयारी में मित्र और शत्रु संकल्प हम सुध-बुध अपनी भूल गए
संकलन में- शुभकामना-ज्योतिजले शुभदीपावली-दीप जलेंगे
सफ़र में क्या धूप कैसी छाँव?
खोल में क्या जीत कैसी हार?
नींद में क्या भूख कैसा गाँव?
साधु की क्या जाति कैसा भेष?
प्रार्थना का देश क्या, क्या काल?
९ दिसंबर २००५
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