अनुभूति में अजंता शर्मा की रचनाएँ
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दो छोटी कविताएँ
एक
वह दूर खड़ा एक पेड़ बड़ा अपने पत्तों से बारिश की बूँदों को गले लगाता है। दो
यह पास पड़ा कंकरीट जड़ा धोकर अपना धूल धुआँ निर्जीव बड़ा सुख पाता है।
९ जनवरी २००३
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