इन दबी सिसकियों
इन दबी सिसकियों से क्या होगा
लोग बहरे हैं, चीख़ना होगा
सोचिये, क्यों वो दे गया गाली
टालिये मत, कि सिरफिरा होगा
आम लोगों की बात कर कर के
शख़्स वो शख़्स हो गया होगा
मेरा होना न होना बेमानी
कह रहा हूँ, मुझे लगा होगा
गर यही आपकी मुहब्बत है
फिर तो मुझको भी सोचना होगा
१६ नवंबर २००९ |