अनुभूति में सूबे सिंह सुजान
की रचनाएँ—
अंजुमन में--
खूबसूरत जिन्दगी
जिधर भी जाऊँ
ये फूल की किस्मत है
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ये फूल
की किस्मत है
ये फूल की किस्मत है, दो दिन में बिखर जाना
लेकिन उसे आता है, हँसते हुये मर जाना
हर रोज अँधेरा है, हर रोज उजाला है,
डरना न कभी मुश्किल राहों से गुजर जाना
बादल को महब्बत से धरती यूँ बुलाती है,
छम-छम से बरसना औ' सीने में उतर जाना
आदत ये सियासतदानों की बड़ी गन्दी है,
चूहों की तरह अपना ही देश कुतर जाना
दीवाने हमेशा सीना ठोंक के कहते हैं,
रोने से तो अच्छा है, हँसते हुये मर जाना
अरदास गरीबों की, सरदी से बचा लो तुम,
ऐ-धूप हमारा आँगन प्यार से भर जाना
१ सितंबर २०१४
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