अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में सीमा गुप्ता की रचनाएँ-

अंजुमन में-
इतिहास
इस तकलुफ़ का
ख्वाब जैसे ख्याल
शायरी नहीं होती
है ये शोला

 

शायरी नहीं होती

चोट दिल पर लगी नहीं होती
हमसे फिर शायरी नहीं होती

तुमसे अगर दोस्ती नहीं होती
जिन्दगी जन्दगी नहीं होती

खुद पे इल्जाम मत समझ लेना
बिन तेरे मैयकशी नहीं होती

काम अच्छे किये चले जाओ
कोई नेकी बदी नहीं होती

तेरे दीपक ही बुझ गये शायद
वर्ना ये तिरंगी नहीं होती

गम मयस्सर तुम्हे नहीं आता
हमको हासिल ख़ुशी नहीं होती

९ मई २०११

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter