प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 
पत्र व्यवहार का पता

अभिव्यक्ति  ६. १०. २००८

अंजुमन उपहार कवि काव्य चर्चा काव्य संगम किशोर कोनागीत गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे रचनाएँ भेजें
अभिव्यक्ति नई हवा पाठकनामापुराने अंक संकलनहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर समस्यापूर्ति

विजयदशमी में राघव

  1
विजय दशमी में राघव
फिर धराशायी करें रावण,
मिटाएँ पाप हर संताप हो जाए धरा पावन।

इसी आशा में प्राणी
आँसुओं को पोंछते आए,
अनाचारी सितम जुल्मी पुलिंदा ओढ़ते आए।

कभी तो अंत हो उनका
जहाँ का साफ़ हो दामन,
विजय दशमी में राघव फिर धराशायी करें रावण।

अगर मिट जाएँ पीड़ाएँ, सितम मिट जाए बरबादी,
मिले चोरी, डकैती, ख़ौफ़ नफ़रत दुख से आज़ादी।

पढ़े गुरुग्रंथ, बायबिल
बाँच ले कुरान, रामायण,
विजय दशमी में राघव फिर धराशायी करें रावण।

रहे भूखा न कोई
आए सबके घर में खुशहाली,
भले कर्मों की जय हो देश हो दुष्कर्म से खाली।

यही संदेश देता है
दशहरा सबका मनभावन,
विजय दशमी में राघव फिर धराशायी करें रावण।

--डॉ. सुरेश प्रकाश शुक्ल

इस सप्ताह

संकलन में-
दशहरे के अवसर पर ८ सामयिक कविताएँ
विजय पर्व के अंतर्गत

गीतों में-
माहेश्वर तिवारी

अंजुमन में-
महावीर शर्मा

नई हवा में-
तस्लीम अहमद

हाइकु में-
डॉ. वेदज्ञ आर्य

पिछले सप्ताह
२९ सितंबर २००८ के अंक में

गीतों में-
वेद प्रकाश शर्मा वेद

अंजुमन में-
ड़ॉ. विजय कुमार सुखवानी

दिशांतर में-
पोलैंड से सुरेंद्र भूटानी

छंदमुक्त में-
हिमांशु कुमार पाण्डेय

हास्य व्यंग्य में-
पीयूष पाचक

अन्य पुराने अंक

अंजुमन उपहार कविकाव्य चर्चा काव्य संगम किशोर कोना गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे रचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलनहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें लिखें

 

Google

Search WWW  Search anubhuti-hindi.org
प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|- सहयोग : दीपिका जोशी
 
१००० से अधिक कवियों की १०,००० से अधिक कविताओं का संकलन
 
१० २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०