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         सावन आया है

 
 
कि सावन आया है
बारिश की बूँदों सँग नाचे -
नदिया, पोखर, ताल
कि सावन आया है, कि सावन आया है

पपिहा बोले, कोयल गाए
काले बादल घिर-घिर आए।
गीत-गजल औ' कविताओं ने, बेसुध करती ललनाओं ने
ऐसा किया धमाल कि सावन आया है
कि सावन आया है

मगन हुए सब वन उपवन में
विटप-शिखा नाचे वन-वन में
बदल छाए नील गगन में बूँदों की रूनझुन तन-मन में
उठने लगे ख्याल- कि सावन आया है
कि सावन आया है

बिजुली चमके मन भी दमके
लगा रही है गोरी ठुमके
हरियाली का ओढें आँचल, धरती मालामाल
कि सावन आया है बजते हैं खड़ताल-
कि सावन आया है

- सुरेन्द्र कुमार शर्मा
१ अगस्त २०२५

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