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दीप धरो
वर्ष २०१० का दीपावली संकलन

दीप जले

दीप जले
माटी का दीप जले
घर-घर में दीप जले

आँगन में
चौखट पर
खिड़की-दरवज्जे पर
झोंपड़ में
शाह की हवेली के छज्जे पर

दीप जले
नदी-पार के
सूने खण्डहर में दीप जले

गली-गली नेह-राग
गूँजे फिर साँझ-ढले
जोत जले
अम्मा के आँचल के छाँव-तले

दीप जले
देवी के चौरे के
जगहर में दीप जले

हर कोने-अतरी में
कमरे में - जीने पर
परबत की चोटी पर
सागर के सीने पर

दीप जले
काशी में दीप जले
मगहर में दीप जले

--कुमार रवींद्र
१ नवंबर २०१०

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