अयोध्या में वसंत आया

 
  राम तुम्हारा बाल रूप लख मन अति हर्षाया
बहुत दिनों के बाद अयोध्या में बसन्त आया

दुल्हन जैसी सजी अयोध्या
कदम-कदम पर फूल बिछे हैं
मंगलगान गूँजते घर-घर
द्वारे वन्दनवार सजे हैं

जन-जन मन में गली-गली में है उछाह छाया
बहुत दिनों के बाद अयोध्या में बसन्त आया

वर्षों तक की कड़ी तपस्या
फिर भी उलझी रही समस्या
कितनी ही बाधाएँ आईं
पर प्रभु ने सब ही सुलझाईं

सदियों के बलिदानों का फल अब हमने पाया
बहुत दिनों के बाद अयोध्या में बसन्त आया

श्यामल रूप लगे मनोहारी
माला पीत पीताम्बर धारी
रुनझुन-रुनझुन बजे पैजनी
मोती से है सजी करधनी

चंचल पर भोला सा मुखड़ा मन को है भाया
बहुत दिनों के बाद अयोध्या में बसन्त आया

- मधु प्रधान
१ अप्रैल २०२४

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