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			           श्रीराम 
			लला घर आए |  
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					|  | श्रीराम लला घर आए, बजन 
					लागीं पैजनियाँ हरे हरे, बजन लागीं पैजनियाँ
 
 ठुमक ठुमक दिखलाते राघव, चलें कभी रुक जाएँ
 माता पीछे-पीछे डोलें, पिता खड़े मुसकाएँ
 सब देख देख हरषाएँ, बजन लागीं ढोलकियाँ
 श्रीराम लला घर आए - हरे हरे
 
 नये भवन में राम विराजे, खुश है जनता सारी
 सेवारत सब संत समागम, राजा, रंक, भिखारी
 सब मिलजुल मंगल गाएँ, बजन लागीं शंख ध्वनियाँ
 श्रीराम लला घर आए - हरे हरे
 
 नश्वर जगत दृष्टि मिथ्या है, लेकिन मन ना माने
 राम में रमी सृष्टि ये सारी, जो बूझे सो जाने
 प्रभु लीला रहे दिखलाए, बजन लागीं किंकणियाँ
 श्रीराम लला घर आए - हरे हरे
 
 
 - अलकेश त्यागी
 १ अप्रैल २०२४
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