मेरे प्रभु राम

 
  रमेति राम-राम
रमे राम-राम
सुबह में राम-राम
शाम में भी राम-राम 
रामेति राम-राम
रमे राम-राम 

जपत राम-राम
दिखत राम-राम
श्व़ांस में भी राम-राम
रमे राम-राम

उठत राम-राम
चलत राम-राम
लिखत राम-राम
रामेति राम-राम
रमे राम-राम

खाते भी राम-राम 
पीते भी राम-राम 
कण-कण में राम-राम 
हर श्व़ांस जप राम-नाम
रामेति राम-राम
रमे राम-राम

शरीर अंग-भंग बने राम-राम
तुलसी के राम
अब बने सुरेश के नरेश राम-राम
रामेति राम-राम
रमे राम-राम!!

- दीप्ति दत्ता
१ अप्रैल २०२४

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