किस्मत से आपकी बेटी बनकर आई
सुख, सुलभ, सहज जीवन दिया
आपकी पितृ-छाया ने
उँगली थामे चलना सिखाया
दुनियाँ में राह भटकने नहीं दिया
आपकी पितृ-छाया ने
सूरज की तपिश या बरसती बारिश में
झुलसने, भीगने से बचा लिया
आपकी पितृ-छाया ने
हर उलझी कठिन डगर पर
बिना डगमगाये राह सुलझाई
आपकी पितृ-छाया ने
प्रेमपाश अपना हरदम फैलाया
इसे सहेज कर रखना कैसे, सिखाया
आपकी पितृ-छाया ने
ना आये ऐसे बादल कभी
छिप ना जाए ये पितृछाया
सालों साल तक
साथ रहे ये वरदहस्त आपका
हर घड़ी सोचूँ मैं दिल में
बनी रहे यह शीतल आपकी पितृ-छाया!
- संध्या
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