नव वर्ष की प्रथम
भोर
नव वर्ष कि प्रथम भोर
करती है अंतरमन विभोर
हो जीवन में उत्कर्ष
स्वागत है नव वर्ष धरा पर
स्वागत है नव वर्ष।
प्रथम रश्मियाँ अपने संग
लाएँ आशा और उमंग
भरें जीवन में हर हर्ष
स्वागत है नव वर्ष धरा पर
स्वागत है नव वर्ष।
फैले मानवता का धर्म
शिकार छू लें सब सत्कर्म
यही हो जीवन का निष्कर्ष
स्वागत है नव वर्ष धरा पर
स्वागत है नव वर्ष।
अखिलेश सोनी
नया वर्ष
संगीत की बहती नदी हो
गेहूँ की बाली दूध से भरी हो
अमरूद की टहनी फूलों से लदी हो
खेलते हुए बच्चों की किलकारी हो नया वर्ष
सुबह का उगता सूरज हो
हर्षोल्लास में चहकता पाखी
नन्हे बच्चों की पाठशाला हो
निराला-नागार्जुन की कविता हो
नया वर्ष
चकनाचूर होता हिमखंड हो
धरती पर जीवन अनंत हो
रक्तस्नात भीषण दिनों के बाद
हर कोंपल, हर कली पर छाया वसंत हो
-अनिल जनविजय
मंगलमय हो नववर्ष
पूरब से
उतरी नव किरणें
प्रदीप्त हुआ प्रभाकर नवीन
आज
प्रभात के घाट पर
परिदृश्य हैं नवनीत
शरद ने शृंगार किया
धरा बनी दुल्हन
पुष्प कीरीट से
शोभित क्यारी
हर्षित है चंपा की डाली
इंद्रधनुष के रंग भर
प्रकृति मनाए उत्कर्ष
भाव भरे
जनकल्याण का
नवनिर्माण का
सृजन का और विकास का
कहें सभी सहर्ष
मंगलमय हो नववर्ष
हेमेंद्र जर्मा
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