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सुरक्षा का सुदृढ़ आधार लाया है!
नूतन वर्ष आया है!मधुर बंधुत्व का विस्तार
लाया है!
आतंक के माहौल से अब मुक्त होंगे हम,
ऐसा घना अब और छाएगा नहीं भ्रम-तम,
नूतन वर्ष आया है!
अमन का, चैन का उपहार लाया है!
सौगन्ध है, जन-जन सदा जाग्रत रहेगा अब,
संकल्प है - रक्षित सदा भारत रहेगा अब,
नूतन वर्ष आया है!
महेन्द्र भटनागर
२९ दिसंबर २००८ |