| 
                  
                    | 
                        
                          |  | 
                              
                              नव 
                              वर्ष अभिनंदन |  |  
                    |  
 |  
                      |  
 | 
                          वो 
                          चुपके चुपके आए |  
                          | 
                              |  
                            | 
                                
                                  |  | वो चुपके चुपके आए नये साल की तरह।फिर सबके मन को भाए नये साल की तरह।।
 पहले भी कई बार ज़ख़्म दे चले गएफिर नये ख्वाब लाए नये साल की तरह।।
 जब-जब बुलाया हमने तो देखा नहीं मुड़करअब आए बिन बुलाए नये साल की तरह।।
 हँस-हँस के तुम्हें कैसे पीहर बिदा करूँफिर कोई नया आए नये साल की तरह।।
 आने को तो आने में नहीं ज़रा भी अडचनस्वागत कोई कराए नये साल की तरह।।
 मन में लिए विश्वास रखें दिल में भरोसाआओ खुशी मनाएं नये साल की तरह।।
 -शास्त्री नित्यगोपाल कटारे1 जनवरी 2007
 |  |  |  | नए साल पर सर्दियां आ गईं सुस्ताइए,धूप को ओढिए बिछाइए।
 
 बर्फ़ के बेदाग़ सफे पर अपना,
 नाम लिखिए और भूल जाइए.
 
 माना सचमुच ज़िंदगी है रंजोग़म,
 फिर भी खुशियां बांटिए ग़म खाइए।
 
 आएगा अच्छा समय विश्वास है,
 बस इसी विश्वास में रम जाइए।
 
 प्यार का एहसास एक अलाव है,
 आग अपने प्यार की सुलगाइए।
 
 हो मुबारक आपको यह साल!
 कम 
से
कम
इस
साल
मत
भरमाइए।
 सिध्देश्वर सिंह1 जनवरी 2007
 नए साल का पहला दिन 
 नए साल का पहला दिनगुज़रे सबका अच्छा दिन
 सूरज निकला आया दिनसूरज डूबा बीता दिन
 सुबह से लेकर शाम तकक़िस्तों में बँट जाता दिन
 सुनील कुमार 'दानिश' 
 |