नव वर्ष अभिनंदन!!
मंगलमय क्षितिज पर आई
नव वर्ष की ये सुबह तुम्हारी
खुशी से खोले आज खिड़कियाँ
गुँजे हर घर में कोयल की कूक
साथ हों नव किरणों का मेला
महक रही रजनीगंधा न्यारी
मंगलमय क्षितिज पर आई
नव वर्ष की ये सुबह तुम्हारी
नवसपन सजाएँ, नए जोश से
दोस्ती औ' मीठे संबंध बढाएँ
संकल्प करें कि मानवता पर
दानवता कभी पड़े न भारी
मंगलमय क्षितिज पर आई
नव वर्ष की ये सुबह तुम्हारी
दीपिका जोशी 'संध्या
'1 जनवरी 2008
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