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नव
वर्ष अभिनंदन |
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बिछुड़ने
के बाद |
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आज नए साल की पूर्व संध्या पर
मैं उसी रेस्तरां की
उसी कोने वाली मेज़ पर
मुख्य दरवाज़े की ओर पीठ करके बैठा
स्वागत करूँगा नए साल का
जहाँ पहली बार और फिर हर बार
जब तक हम साथ रहे स्वागत किया नए साल का विदा किया जाने वाले साल को
वही जगह, वही मेज़, वही मैं और
वही तुम पर अशरीरी अब
एक फर्क है-
पहले माँगते थे हम दोनों
थाम कर एक दूसरे का हाथ
'नए साल और आने वाले हर साल यूँ ही मनाते रहें
हम साथ साथ खुशियों के साथ
अब-
मैं माँगता हूँ सिर्फ़ ये की 'नया साल
और आने वाले हर साल तुम खुश रहो, जहाँ रहो,
चेहरे पर मोनालिसा-सी मुस्कान लिए
मनाओ खुशी के साथ ये नए साल की शाम प्रिये,
और मैं यूँ ही माँगूँ तुम्हारे लिए खुशियाँ नए साल की
डॉ दुष्यंत
1 जनवरी 2008
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नए साल में नई राह
बदले वेतनमान हर साल
वेतनवृद्धि लगे हर माह
कर नहीं कोई कभी लगे
कमा कमा कर घर भरें
कारें मिलें लाख रुपये सब
पेट्रोल लीटर एक रुपये अब
हल्का हो बाल स्कूली बस्ता
मिले लाख से मकान सस्ता
सौ रुपये में कम्प्यूटर एक
पांच सौ में ही लैपटॉप हो
कनैक्शन संग मोबाइल फ्री
बिल न आए जिसका कभी
आतंकवादी छोड़ें अपना धंधा
बम फटे पर मरे नहीं एक बंदा
रिश्वत की फसल सूख जाए
उगने की जमीन न मिल पाए
अदालतों में लगे ऐसा विराम
पुलिस से पड़े नहीं कोई काम
सड़कों पर लगे न कभी जाम
न हों झगड़े कर दे ऐसा राम
-अविनाश वाचस्पति
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