स्वागत है नव वर्ष तुम्हारा
उदित हुआ एक नया सितारा
चला गया है इस बस्ती से
गए साल का वो बंजारा
नए साल की नई सुबह का
हर आँगन में हो उजियारा
स्वप्न अधूरे सब हों पूरे
कोई नहीं रहे बेचारा
हर पथ से भटकी नौका को
आसानी से मिले किनारा
वक्त साथ चलता है उसके
जो न कभी वक्त से हारा
नए वर्ष की नई सुबह का
स्वागत करता है जग सारा
सजीवन मयंक
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