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नव वर्ष अभिनंदन
2007

        मंगलमय नव वर्ष
 

 

मंगलमय नव वर्ष मनाएँ
खुशियों का संसार सजाएँ

प्रेम का दृढ़ संबंध न टूटे
नफ़रत का भी बम न फूटे
कटुता, घृणा, स्वार्थ की बेलें
खोद-खोद कर सभी मिटाएँ
मंगलमय नव वर्ष मनाएँ

रश्मि पुंज नव बिखरे आँगन
मुख से वचन कहें सब पावन
बैठ प्रगति के रथ में निशदिन
प्रेमगंध से जग महकाएँ
मंगलमय नव वर्ष मनाएँ

मानव का दिल कभी न टूटे
अपना प्यारा कभी न रूठे
जहाँ रहें नीरोग प्राण सब
ऐसा शुभ संसार बनाएँ
मंगलमय नव वर्ष मनाएँ

संतोष कुमार सिंह

 

ऐसा हो नूतन वर्ष

बस ऐसा यह नूतन वर्ष हो
जन-जन के मन में हर्ष हो
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रोटी प्रथम हलधर को मिले
न भूख से अब कोई मरे
सब बाँट कर खाएँ पिएँ बस
जीवन का ये ही धर्म हो

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आओ करें संकल्प सब
बंधुआ न अब बचपन रहे
खेलें-पढें गाएँ हँसें
उनके भी मन में हर्ष हो।

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स्त्री-भ्रूण हत्या बंद हो
साँसों से इक अनुबंध हो
जीने का हक सबको मिले
जीवन का तब उत्कर्ष हो

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त्योहार का रंग प्रेम हो
रिश्तों में बस विश्वास हो
जीवित रहे चिर मानवता
जीवन का यह संकल्प हो

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तम-तमस का नाश हो
बस ज्ञान का प्रकाश हो
ओढे चुनर धानी धरा
धरती पे उतरा स्वर्ग हो
बस ऐसा नूतन वर्ष हो

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डॉ. रमा द्विवेदी

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