मंगलमय नव वर्ष मनाएँ
खुशियों का संसार सजाएँ
प्रेम का दृढ़ संबंध न टूटे
नफ़रत का भी बम न फूटे
कटुता, घृणा, स्वार्थ की बेलें
खोद-खोद कर सभी मिटाएँ
मंगलमय नव वर्ष मनाएँ
रश्मि पुंज नव बिखरे आँगन
मुख से वचन कहें सब पावन
बैठ प्रगति के रथ में निशदिन
प्रेमगंध से जग महकाएँ
मंगलमय नव वर्ष मनाएँ
मानव का दिल कभी न टूटे
अपना प्यारा कभी न रूठे
जहाँ रहें नीरोग प्राण सब
ऐसा शुभ संसार बनाएँ
मंगलमय नव वर्ष मनाएँ
संतोष कुमार सिंह
|