अभिनंदन
नए वर्ष का हो
अभिनंदन
महक उठे हर मन का चंदन
झिलमिल आशा का स्पंदन
बांधे इक नूतन अनुबंधन
आए वर्ष दो हज़ार
सात
लेकर खुशियों की सौगात
मिट जाए दुखदाई क्रंदन
नए वर्ष का हो अभिनंदन
बैर भाव मिट जाएं
सारे
स्नेहिल पुष्प खिले फिर प्यारे
हर घर में छाए निरानंदन
नए वर्ष का हो अभिनंदन
उन्नति पथ पर बढ़े
संसार
मानवता का हो विस्तार
सीमाओं का रहे न बंधन
नए वर्ष का हो अभिनंदन
- गौरव ग्रोवर
नव वर्ष में कोई बात हो
नव राग हो
नव छंद हो
नव गीत हो
नव रीत हो
हो नई-नई बयार भी
कोई बात हो तो नई-नई
नई सुबह फिर है पुकारती
जो गुज़र गई वो रात थी
हम चले तो चल पड़ी डगर
वो डगर हमारे साथ थी
प्रीत का मनुहार हो
नव वर्ष में कोई बात हो
जीवन में संस्कृति का वास हो
नव कर्म और विकास हो
चहुँ ओर मन में प्रकाश हो
अपनों से जुड़ने का प्रयास हो
जो छल प्रपंच से दूर हो
जिसमें प्रेम का विकास हो
जो सही दिशा दिखा सके
बस वही समाज हो
नव वर्ष में कुछ बात हो
मुरली मनोहर श्रीवास्तव
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