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मेरा कैलेंडर बता रहा है,
नया साल आने वाला है,
साथ जो अब तक निभा रहा था,
वह पीछे जाने वाला है,
चलो उठें हम, पुनः अंगड़ाई लेकर कुछ संकल्प करें,
ये करना है, वो करना है, कहें अधिक पर अल्प करें,
हँस कर संकल्पों को तोडें, काम अधूरे बीच में छोड़ें,
अगड़म-बगड़म धागे जोड़ें, कोई ना समझाने वाला है,
मेरा कैलेंडर बता रहा है,
नया साल आने वाला है,
पिछले वर्ष भी सूरज कितने अंधकार से छले गए,
बिस्मिल्लाह शहनाई मधुर-सी संग में लेकर चले गए,
श्याम श्याम में मिले रेल में, गौतम भी कैलाश मेल में,
रहे फँसे हम किंतु जेल में, दुनिया इक गड़बड़झाला है,
मेरा कैलेंडर बता रहा है,
नया साल आने वाला है,
मेरी विनति है ईश्वर से शुद्ध प्रेम की धारा हो,
मिले प्रमोशन सबको जग में सबके घर उजियारा हो,
पत्नी का बेलन ना चमके, शांति पताका जग में दमके,
सैवन करे भलाई जम के, नफ़रत के घर पर ताला है,
मेरा कैलेंडर बता रहा है,
नया साल आने वाला है,
अभिनव शुक्ला
1 जनवरी 2007
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