नव वर्ष
नव वर्ष हर्ष नव जीवन उत्कर्ष नव
नव उमंग नव तरंग जीवन का नव प्रसंग
नवल चाह नवल राह जीवन का नव प्रवाह
गीत नवल प्रीति नवल जीवन की रीति नवल जीवन की नीति नवल जीवन की जीत नवल
हरिवंश राय बच्चन
वर्ष नया आएगा
वर्ष नया आएगा मिलने शुभ प्रभात की वेला में नई नई आशा की कलियाँ फूल खिलाने मधुवन में
तेज़ प्रखर देगा हम सबको सफल बनाने को जीवन में कदम स्वयं ही मुड़ जाएँगे सफलताओं के नव उपवन में
मधुर-मधुर संबंध बढ़ेंगे सुख समृद्धि आएगी मंगल पावन प्रीति बढ़ाने नवल पवन लहराएगी
पवन कुमार शाक्य
इस रचना पर अपने विचार लिखें दूसरों के विचार पढ़ें
अंजुमन। उपहार। काव्य चर्चा। काव्य संगम। किशोर कोना। गौरव ग्राम। गौरवग्रंथ। दोहे। रचनाएँ भेजें नई हवा। पाठकनामा। पुराने अंक। संकलन। हाइकु। हास्य व्यंग्य। क्षणिकाएँ। दिशांतर। समस्यापूर्ति
© सर्वाधिकार सुरक्षित अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है