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कृष्ण पर आश्रित
     

 





 

 


 




 

कभी यीशु बनकर आता
कहीं अल्ला है हो जाता
कहीं जहोवा है कहलाता
कान्हा ही है सब दर्शाता

कहीं बाईबिल में दे उपदेश
कहीं कुरान में दिव्य संदेश
कहीं तोरा में धर्म आदेश
गीता में आध्यात्मिक समावेश

करो तुम यीशु मसीह का गान
चाहे हो कुरान का ही बखान
मुझे तो श्रवित वंशी की तान
सुनाता है श्री कृष्ण महान

सभी का वह शक्ति प्रदाता
बुद्धि का सबकी ही दाता
सभी से है उसका नाता
एक ही अनेक हो जाता

जहाँ पर आती संकीर्णता
नहीं वह एक क्षण वहाँ रहता
मजहबों की अपनी ही श्रेष्ठता
हो पालन तब तक वह बसता

मेरा कान्हा मेरी माता
पिता बंधु भगिनी भ्राता
परम प्रिय प्रेमी विधाता
गोविंद गुण भारतेंदु गाता

जब तक है तन में प्राण स्थित
कितने संकीर्णता वाण बेधित
नहीं कर सकते हैं विचलित
भारतेंदु कृष्ण पर आश्रित

-- भारतेंदु श्रीवास्तव
३० अगस्त २०१०

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