अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

मेरा भारत
 विश्वजाल पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन

वंदन मेरे देश

वंदन मेरे देश-तेरा वंदन मेरे देश
पूजन अर्चन आराधन अभिनंदन मेरे देश

तुझसे पाई माँ की ममता
और पिता का प्यार
तेरे अन्न हवा पानी से
देह हुई तैयार
तेरी मिट्टी-मिट्टी कब है चंदन मेरे देश
वंदन मेरे देश-तेरा वंदन मेरे देश

भिन्न भिन्न भाषाएँ भूषा
यद्यपि धर्म अनेक
किंतु सभी भारतवासी हैं
सच्चे दिल से एक
तुझ पर बलि है हृदय-हृदय स्पंदन मेरे देश
वंदन मेरे देश-तेरा वंदन मेरे देश

पर्वत सागर नदियाँ
ऐसे दृश्य कहाँ
स्वर्ग अगर है कहीं धरा पर
तो है सिर्फ़ यहाँ
तू ही दुनिया की धरती का नंदन मेरे देश
वंदन मेरे देश-तेरा वंदन मेरे देश

-चंद्रसेन विराट

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter