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मेरा भारत
 विश्वजाल पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन

राष्ट्रध्वज फहराएँगे

आज स्वतंत्र विहान
राष्ट्रध्वज फहराएँगे

काट कूटनीति के फंदे
लाँघ राजनीति के बंधे
साफ करेंगे सारे गंदे
बंद करेंगे घटिया धंधे
ढूँढ लाएँगे अच्छे बंदे
नई व्यवस्था भारत में
लेकर आएँगे
आज लक्ष्य संधान
राष्ट्रध्वज फहराएँगे

बँटे समाजों को बाँधेगे
भेदभाव को हम डाटेंगे
फसल उमंगों की काटेंगे
खुशियों के दाने छाँटेंगे
गलत इरादों को भाँपेंगे
तेजी से दुनिया नापेंगे
देश को हर ऊँचाई तक
लेकर जाएँगे
सफलताओं के नाम
राष्ट्रध्वज फहराएँगे

- पूर्णिमा वर्मन
१ अगस्त २०१९

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