अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

ममतामयी
विश्वजाल पर माँ को समर्पित कविताओं का संकलन

 


तू है

कानों में मधुर
राग रागिनी
खिलखिलाती झनक
जीवन सफ़र की
अंतरंग सहेली
माँ तू है!

आँखों में बसी
रूप रोशनी
मरहम-सी छुवन
कड़ी धूप में
छाँव शीतल
माँ तू है!

खुशबू-सी पावन
मुस्कुराता गगन
साए में दर्द के
हँसने की लगन
सुलझी पहेली
माँ तू है!

एक मीठा स्वाद
सुंदर अहसास
डगमगाते क्षणों में
स्थिर विश्वास
सागर अथाह
माँ तू है!

- नीलम जैन


इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter