वत्सला सुदर्शना ममतामयी!
नेह निर्मल मेह-सा बरसा गयी!
ममता की गर्माहट से जीवन सेती
अधरों पर मुस्कान रखे संबल देती
ओसकणों सी निर्मल करुणामयी
वत्सला सुदर्शना ममतामयी!
रातों को जाग कर लोरियाँ सुनाती
लोरियों की दुनियाँ में सपने सजाती
जीवन की बगिया सरसा गयी
वत्सला सुदर्शना ममतामयी!
चिंता के सायों को आँचल में भरती
हटा दूर सभी कष्ट जोश नया भरती
मुश्किल में दिखलाती राह नयी
वत्सला सुदर्शना ममतामयी!
- प्रीति हजेला
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