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माटी
माटी |
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शहरों के वासी आह भरें,
माटी, माटी, माटी,माटी!
विज्ञान, गणित पढ़ते-पढ़ते
मन पर सोना मढ़ते-मढ़ते
सुख के साधन गढ़ते-गढ़ते
उन्नति सीढ़ी चढ़ते-चढ़ते
पत्थर पर बैठे चाह करें,
माटी, माटी, माटी,माटी !
माटी तो जादू टोना है,
माटी का मतलब 'होना' है
माटी में जो कुछ बोना है,
उसका ही प्रतिफल ढोना है
फिर क्यों गाँवों से डाह करें?
माटी, माटी, माटी, माटी
माटी तो पूरा जीवन है
भगवन है, पूजन, अर्चन है
माटी है भक्तों का चोला
माटी प्रभु का अभिनंदन है
श्रम के सागर में थाह करें
माटी, माटी, माटी, माटी
- उमा प्रसाद लोधी
१ अक्टूबर २०२४ |
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