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                    मिट्टी की ताकत
 
जब भी कभी अपनी ऊँचाई
पर गर्व हो जाए तुम्हें तो
माटी के पास बैठ जाना
माटी के पास बैठकर
जरा निगाह उस पर डालना

मिट्टी की ताकत को देखो
तो याद आ जाएगी,
मंदिर की अनेकों सूरतें
और उन्हें बनाने वाले लोग
हम जानते हैं यह सब एक दिन
मिल जाना है मिट्टी में
फिर भी लोगों को
मिट्टी में मिलाने में लगे रहते हैं

तो अपनी जड़ों का रखो ध्यान
क्योंकि
मिट्टी से ही आए हैं
और मिट्टी में ही मिल जाना है
बचेगी केवल मिट्टी
यही मर्म जानना है

मिट्टी खुदगर्ज नहीं होती
मिट्टी हमें पालती है
फिर हमें अपनी आगोश में ले लेती है
मिट्टी याद दिलाती है
मैं नश्वर नहीं हूँ, मैं शाश्वत हूँ
पर, मैं वहाँ नहीं हूँ
जहाँ होती हैं नफ़रतें

परदेश में देश की मिट्टी
होती है कीमती
यही एक चुटकी मिट्टी
तुम्हें अपनी असलियत दिखा देगी
कुछ गलत करने से रोकेगी
राजा, रंक, शहीदों ने जानी
इसकी अनुपम कहानी

- मीरा ठाकुर
१ अक्टूबर २०२४
           

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