कार्तिक में

 

 
कातिक में हम सब करें, तुलसी का उपयोग
स्वस्थ रहेंगे साल भर, दूर रहेंगे रोग

दाल-माँस-मदिरा-सकल, बैंगन-फलियाँ ख़ास
और करेले का नहीं, सेवन कातिक-मास

नदियों के जल से करे, जो कातिक-अस्नान
उम्र बढ़े उसकी सदा, तन-मन भी बलवान

धन्वन्तरि जी दे गए आयुर्वेदिक ज्ञान
धनतेरस पर कर रहे, सब उनका गुणगान

जीवन-शैली उच्च थी, रहते थे ख़ुशहाल।
हम सबके पुरखे यहाँ, जीते थे सौ साल

ले आई दीपावली, फिर ख़ुशियों के रंग
कातिक की सुंदर अमा, है दीपों के संग

खरना व्रत उपवास जो, करते कातिक मास
छठ मैया उसकी करे, पूरी मन की आस

- डा सीमा विजयवर्गीय
१ नवंबर २०२५

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