कार्तिक मास की महिमा

 

 
संस्कृति सनातन सदा, सभी रीति से जेठ
हर दिन ही त्यौहार है, कातिक उसमे सेठ

उठे विष्णु इस मास मे, खुशी मनाते लोग
नित रहते त्यौहार ही, मंगल यह संयोग

पावन दिन एकादशी, सबसे अधिक महत्व
सैया छोड़े विष्णु जी,बढ़े मिलन का तत्व

ब्याहे जाते श्री हरी, तुलसा जी के संग
पावन इस पर्व का, मधुरिम लगे उमंग

देव लोक धरती लगे, जगमग जलते दीप
अभी-अभी ज्यो छोड़कर,निकला मोती सीप

धन्य संस्कृति सनातन, इसका ओर न अंत
रमे तपस्वी देव सब, महिमा लगे अनन्त

- किरण मिश्रा
१ नवंबर २०२५

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