मुर्गा
सबसे पहले जगता मुर्गा
कुकड़ूँ–कूँ है करता मुर्गा
हुआ सवेरा, आँखें खोलो
उठो समय से कहता मुर्गा
–कृष्ण नन्दन मौर्य
मुर्गा बोला
मुर्गा बोला- मुन्ने राजा
सुबह हो गई, बाहर आजा
कभी देर तक सोना मत
कभी आलसी होना मत
पढ़ो, लिखो, जाओ स्कूल
इसमें कभी न करना भूल
-- त्रिलोक सिंह ठकुरेला
|
कुक्कूँ मुर्गा
सुबह हुई – बतलाता कौन?
कुक्कूं मुर्गा– और कौन!
उठ जा जल्दी– कहता कौन?
मिट्ठू तोता – और कौन!
ताजा दुद्दू – देता कौन?
बां बां गैय्या – और कौन!
दूध चुरा के – पीता कौन?
म्याऊँ म्याऊँ बिल्ली– और कौन!
घर की रक्षा – करता कौन?
भौं भौं कुत्ता – और कौन!
बाग की सब्जी–खाता कौन?
में में बकरी – और कौन!
— संध्या
|
मुर्गा बोला
मुर्गा बोला नहीं जगाता
अब तुम जागो
अपने आप
कितनी
घड़ियाँ और मोबाइल
रखते हो तुम अनाप-शनाप
मैं भी जगता मोबाइल से
तुम्हें जगाना
मुश्किल है
कब से
जगा रहा हूँ तुमको
तू क्या मेरा मुवक्किल है
समय पे सोना, समय पे जगना
जो भी करेगा
समय पे काम
समय बड़ा
बलवान जगत में
समय करेगा उसका नाम
-दीन दयाल शर्मा
|