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बिल्ली की दावत

बिल्ली के घर दावत है भाई
दर्जन भर चूहों की देखो
गाढ़ी गाढ़ी खीर पकाई
कौन चलेगा झटपट बोलो
चुनमुन कपड़े भी ले आई

-शैल अग्रवाल

चूहे जी की शान

पहन सूट बूट और टाई
चूहे जी ने शान दिखाई
बोले मौसी क्या कुछ लाऊँ
मौसी बोली तुझको खाऊँ

बज गया बाजा

चूहे की बारात जो आई
बिल्ली ने फिर घात लगाई
सरपट दौडे चूहे राजा
बिना बैंड ही बज गया बाजा

आसमां छू लें

आओ बच्चों खेलें हम
चलो आसमां छू ले हम
थाली में जो तारे हैं
चमकीले औ' प्यारे हैं
क्यों न इनको ले लें हम
कर दें ये अँधियारा कम।

-भावना कुंअर

बंदर मामा

बस्ता लेकर बंदर मामा
निकल पड़े स्कूल
लेकिन जल्दी के चक्कर में
टिफ़िन गए घर भूल

सब बच्चे जब इंटरवल में
लग गए खाना खाने
तब पानी भर आया मुँह में
और लगे ललचाने

सबने मिलकर दिया उन्हें भी
दो पूरी दो खस्ता
तब बंदर मामा छुट्टी में
लाए भारी बस्ता

- सुनील जोगी

 

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