जोश, -जश्न,
-पिचकारियाँ, -अंबर
उड़ा गुलाल
हुरियारों -की -भीड़ में
जमने -लगा धमाल
शहर रंग से भर गया चेहरों पर उल्लास
गली -गली में टोलियाँ --बाँटें
हास हुलास
हवा हवा --केसर
--उड़ा --टेसू
--बरसा देह
बातों में किलकारियाँ --मन में मीठा नेह
ढोलक से मिलने लगे
--चौताले के बोल
कंठों में खिलने लगे --राग बसंत हिंदोल
मंद --हवा
--में --उड़
--रहे होली वाले छंद
ठुमरी --टप्पा--दादरा
--हारमोनियम ---चंग
नदी चल पड़ी रंग की
--सबका थामे हाथ
जिसको --रंग पसंद हो --चले
हमारे साथ
घर --घर
में --तैयारियाँ --ठंडाई
--पकवान
दर -देहरी पर रौनकें --सजे-धजे
--मेहमान
होली --की
--दीवानगी --फगुआ
-का संदेश
ढाई -आखर--प्रेम के
--द्वेष --बचे
-ना शेष
मन के तारों पर बजे
--सदा सुरीली मीड़
शहरों में सजती रहे --हुरियारों
--की -भीड़
पूर्णिमा वर्मन
१७. ३. २००८
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