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        आयी होली

मन में जब मधुर हिलोर उठे
चहुँ ओर लगे संगीत बजे  
तन खिले और मन खिल जाए
चेहरे सब दीखें सजे धजे 
हो जाय मदिर मीठी बोली
तब कहो प्रगति-
आयी होली

सब इक दूजे का हाथ गहें 
आपस में अपनी बात कहें  
मिल-जुल सब ध्यान रखें सबका 
हर कार्य करें अपने मन का 
अपनी मनमाफ़िक हो टोली     
तब कहो प्रगति-
आयी होली

मादक गुँजन भँवरे गाएँ  
कुहु से कोयल वन चहकाएँ  
अमराई झुक धरती चूमे  
दहका पलाश दे ज्वालाएँ  
जब धरा ललाट सजे रोली  
तब कहो प्रगति-
आयी होली

- प्रगति
१ मार्च २०२३
   

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