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      झूम रहे दिन वार

हुईं दिशा सब बावरी झूम रहे दिन वार
अद्भुत अनुपम अद्वितीय रंगों का त्यौहार

फाग चाँदनी गा रही धूप भरे मुस्कान
रंग में फागुन के रंगे घर आँगन दालान

साँस आ रही जा रही अपनी ही लय ताल
रंगे रंग में नेह के राधा औ गोपाल

रंग लगा मिल लो गले जुड़े दिलों का तार
किन शब्दों में कीजिये होली का आभार

रस बरबस ही हीय से टपक रहा आलोक
पीलें होली पर सभी लगा लगा कर ओक

- आलोक शर्मा 
१ मार्च २०२३

   

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