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होली है

 

फागुन की पहली पगचाप

आज सुनी
फागुन की पहली पगचाप !

रेशम-सी
किरणों में जादू-सी बात
हाथों में थामे मन सपनों का हाथ
नाच रहा झूम रहा
फूलों की थाप !

रातों में
मचले-से महुओं का मौन
सीधे सन्देसे ज्यों फूले सागौन
दिल के गहरावों में
यादों की भाप !

अलसाई
आँखों-सी अरुणाई झील
पर्वत से शर साधे मन्मथ का भील
काया से छूट चला
संयम का जाप !

-अश्विनी कुमार विष्णु
५ मार्च २०१२

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