| आकांक्षा मातृभूमि भारत माता की,एक राष्ट्रभाषा हिंदी हो।
 बँधे सभी हम एक सूत्र में,
 हिंदी तेरी सदा विजय हो।।
 
 जग में और संयुक्तराष्ट्र में,
 स्वाभिमान भारत का जागे।
 गौरव से गूँजे हिंदी स्वर,
 भारत की संस्कृति की जय हो।।
 हों स्वदेश में, या विदेश में,दृढ़-संकल्प सदा हो मन में,
 भारतवासी मिले जहाँ भी
 संभाषण हिंदी में ही हो।।
 हिंदू तेरी सदा विजय हो।जय हो,
 जय हो,
 जय हो,
 जय हो।
 हिंदी तेरी सदा विजय हो।।
 शकुंतला बहादुर16 सितंबर 2007
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