| मेरी हिन्दी वाणी 
 सरस, सुहावन मीठी ऐसी, ज्यों कोयल की वाणी। भाषाओं में शिरोमणि है मेरी हिन्दी वाणी।
 लिपि वैज्ञानिक देवनागरी महिमा अमित अपार। शब्दों और भावों के जिसमें भरे हुए भंडार।
 अलंकार के संग-संग करते स्वर व्यंजन अगवानी।
 भाषाओं में शिरोमणि है मेरी हिन्दी वाणी।
 संस्कृत वाणी इसकी जननी तमिल-तेलुगु बहनें। बंगाली, उड़िया, मलयालम, कन्नड़ के क्या कहने।
 सबको आदर, सबको ममता तेरी यही कहानी।
 भाषाओं में शिरोमणि है मेरी हिन्दी वाणी।
 तुलसी का मानस है, सूर की सूरसागर, सुरसिरता। सूर्यकांत, जयशंकर, पंत के मन की सुमधुर कविता।
 मीरा की यह गिरधर नागर, गुरूनानक की वाणी।
 भाषाओं में शिरोमणी है मेरी हिन्दी वाणी।
 आदित्य शुक्ल१५ सितंबर २००८
 |