कड़क पकौड़े गोभी वाले

 
  स्वाद ग़ज़ब का, याद सुनहरी
लेकर आयी, पहली बारिश

खट्टी चटनी मीठी चटनी
कड़क पकौड़े गोभी वाले
"और-और" सब बोल रहे हैं
अम्मा जी का जादू देखो
होश नहीं है अभी किसी को
पानी छत से
चूता रिस-रिस

मौसम में मन उलझ गया है
है ज़ुबान पर केवल बचपन
चून्नू बैग उठाकर लाया
छतरी भी ले आऊँ क्या
बापू ने मन बदल लिया है
आज नहीं मैं
जाऊँ ऑफ़िस

- डॉ. शैलेश गुप्त 'वीर'
१ जुलाई २०२४

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