प्याज पकौड़े की तरह

 
  प्याज पकौड़े की तरह, रही कुरकुरी देह
किन्तु जलन के ज्वार से, सूख गया था नेह

एक पकौड़ा हाथ से, गिरा भूमि पर खट्ट
कौआ, कुत्ता लड़ गये, तू ले भागा झट्ट

आलू, बेसन, तेल, घी, हरी मिर्च कुछ प्याज
चटनी और अचार के, बदले हुए मिजाज

कुछ बौराए इस तरह, जैसे कठिन सवाल
ब्रेड बीच आलू फँसा, तलकर हुआ हलाल

इधर पकौड़े बिक रहे, उधर बिक रहे चिप्स
कुछ, सोने की रोटियाँ, सेंकें देकर टिप्स

सबके सब भगवा हुए, तेल, पकौड़े, चाय
फटी आँख से देख कुछ, चतुर रहे ललचाय

संविधान ले हाथ में, अगर पकौड़े खाय
शादी हो शुभ लग्न में, पी एम पद मिल जाय

- उमा प्रसाद लोधी
१ जुलाई २०२४

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