yaahU gauT maoM [sa saPtah kI sava-EaoYz kivata

baMd kr sakto hao
kaMca kI baaotla maoM kuC ittilayaaM
dbaa ko rK sakto hao
baMd iktabaaoM ko pnnaaoM maoM kao[- fUla
sajaa ko rK sakto hao
saundr iksaI  Íoma maoM ek tsvaIr

pr
hvaaAaoM ko paMvaaoM maoM baoiD,yaaÆ
diryaaAaoM ko iknaaro po rissayaaMÆ
va@t kI imayaadaoM po DaoiryaaMÆ
laF,ja,aoM ko maayanaaoM po hqakiD,yaaMÆ

bahut naasamaJa hao ABaI tumaÑ

- maaoiht kTairyaa ³saakot AvasqaI´

   

kaMca kI baaotla maoM ittilayaaM
³
30 Agast sao 5 isatmbar 2004´

 

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter