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 ज्ञानेन्द्रपति

जन्म: १ जनवरी १९५० को ग्राम पथरगामा, झारखंड, भारत

प्रकाशित कृतियाँ-
कविता संग्रह- आँख हाथ बनते हुए, शब्द लिखने के लिए ही यह कागज़ बना है, गंगातट, संशयात्मा, भिनसार, पढ़ते-गढ़ते(कथेतर गद्य), कवि ने कहा

पुरस्कार व सम्मान-
वर्ष २००६ में ‘ संशयात्‍मा’ शीर्षक कविता संग्रह पर साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा पहल सम्‍मान, बनारसीप्रसाद भोजपुरी सम्‍मान व शमशेर सम्‍मान सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से से विभूषित।

 

छह हाइकु

नाम दुलारी
दुखों की दुलारी है
जमादारिन

पनही नहीं
पांव में, गले में
पगहा है भारी

मेघ बोझिल
मन, भर मौसम
छूटा अकेला

देवता हुए
सामंत सहायक
राजतंत्र में

मिटता नहीं
सिरजा जाता जिसे
एक भी बार

गाते न दिखा
सुना गया हमेशा
काला झींगुर

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