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					राजेश कुमार
					'नचिकेता' 
					 
                  	जन्म- २३ दिसंबर १९८० को पूर्णिया बिहार में।
 
 शिक्षा-
 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से भौतिकी में पी-एच. डी.।
 
 संप्रति- नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर नैनोटेक्नॉलॉजी, कैनेडा में 
					वैज्ञानिक। भौतिकी के क्षेत्र में कई अंतर्राष्ट्रीय शोधपत्र 
					प्रकाशित
 
 संपर्क-
                  	
					rajeshpurnea@gmail.com
 |  | कलयुग
 कलिकाल घनघोर में, बहती उल्टी धार।
 दया धरम सत्कार के बदले पड़ती मार।।१।।
 
 लच्छ लच्छमी हो गईं हो गया भच्छ अभच्छ
 गंगा, गोरस गंद हुई, मदिरा हो गई स्वच्छ।।२।।
 
 नर नारी का भेद मिटा, लाज बिकी बाजार
 अंग अंग नंगा हुआ हाय रे हाय सिंगार।।३।।
 
 नयन तरेरे राम पर, काम हुआ सुखमूल
 बस मादा प्यारी रही मात-पिता भए शूल।।४।।
 
 जुआ, कपट, व्यभिचार का बढ़ता नित व्यापार
 चोर, वधिक, पापी फिरे मुक्त सकल संसार।।५।।
 
 रे मन मत धीरज तजो, चिंता करो ना शोक
 धरम का ध्वज लहरायेगा, गूँजेगा जयघोष।।६।।
 
 स्वच्छ धरा हो जायेगी, साधू होंगे लोग
 जब हरि कल्कि रूप ले आएँगे इस लोक।।७।।
 
 राजेश कुमार 'नचिकेता'
 ८ जून २००९ |