प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित
 
पत्र व्यवहार का पता

१९. ५. २००८ 

अंजुमन उपहार कवि काव्य चर्चा काव्य संगम किशोर कोना गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे रचनाएँ भेजें
अभिव्यक्ति नई हवा पाठकनामापुराने अंक संकलनहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर समस्यापूर्ति

रश्मि जगी

रश्मि जगी, प्रेम पगी उगा अरुण राग री।
मुदित-मुखी मलयसखी, गा उठी विहाग री।।

शिथिलांचल, दृग चंचल अधर सजल, उर प्रांजल
पुलकित तन, गति मंथर, स्वप्नाप्लावित अंतर।
थकी-थकी, जगी-जगी, अलसायी प्रणय-पगी।

निशा चली, खिली-खिली, ले सुघर सुहाग री।
मुदित-मुखी मलयसखी, गा उठी विहाग री।।

सोती थी द्रुम-दल पर विटप-बाहु-संबल पर।
यौवन से अनिभिज्ञा, अस्त-व्यस्त परिसज्जा।
जलजा-सी, सुरजा-सी, कोमल जीवनजा-सी।

कली खिली नई-नई, ले नवल पराग री।
मुदित-मुखी मलयसखी, गा उठी विहाग री।।

प्राची के बागों में पश्चिम के गाँवों में।
उत्तर के भागों में दक्षिण-तड़ागों में,
जागृति के कमल खिले, नवल-नवल धुले धुले।

जाग उठी रूप-वीण, ले नवीन राग री।
मुदित-मुखी मलयसखी, गा उठी विहाग री।।

प्रो. 'आदेश' हरिशंकर

इस सप्ताह

पुनर्पाठ में-
प्रो. आदेश हरिशंकर

छंदमुक्त में-
रति सक्सेना

अंजुमन में-
ब्रजकिशोर शर्मा शैदी

काव्य संगम में-
डॉ. दुष्यंत की राजस्थानी कविताओं का हिन्दी रूपांतर

क्षणिकाओँ में-
राजीव रंजन प्रसाद

पिछले सप्ताह
१२ मई २००८ के अंक में

मातृ दिवस के उपलक्ष्य में माँ को समर्पित नई पुरानी कविताओं का संकलन
ममतामयी

छंदमुक्त में-
आकांक्षा यादव

नई हवा में-
कुमार लव

पाठकनामा में-
पुष्पा कुमार

दिशांतर में-
शार्दूला

अन्य पुराने अंक

अंजुमन उपहार कविकाव्य चर्चा काव्य संगम किशोर कोना गौरव ग्राम गौरवग्रंथ दोहे रचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलनहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है।

अपने विचार — पढ़ें लिखें

 

Google


Search WWW  Search anubhuti-hindi.org
प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन¸ कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|- सहयोग : दीपिका जोशी
 
१००० से अधिक कवियों की १०,००० से अधिक कविताओं का संकलन
 
१ २००७ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०