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पालों वाली नाव बनाएँ
केवट उनमें करता छेद
तन-मन चीरा, टाँका, बाँधा
अपनी लकड़ी साधा, राँधा
हठ करते, आघात सहे सब
छाती पर धारा ले नाँधा
चप्पू-चप्पू रार करे हैं
कैसा पतवारों में भेद
काता, बीना, रंगा, साजा
मखमल तन बहुरंगा छाजा
रेशम धागे गेंदे फूले
चीर, शिखर से नाचे, झूले
तान धरा सिर, हवा पलट दें
पालों में उपजा विच्छेद
आर, पार नदिया तन-नापा
जल में आग, भूख का तापा
जीवन अड़ा पड़ा जल भीतर
तट देखे तन चढ़ा बुढ़ापा
मोटर बाँध, नेह से दौड़ी
नाविक तीर न चलता, खेद
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- शीला पांडेय |