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नये साल का
पहला दिन है |
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नये साल का पहला दिन है
झुंड-झुंड उड़ रहे कबूतर
आसमान में
नये साल का पहला दिन है
सुखी लग रही
धूप-नहाये चंपा पर
फिर रही गिलहरी
लड़का गया इधर से, देखो
अभी बजाता हुआ पिपहरी
ढोलक बजी
गली के नुक्कड़ के मकान में
नये साल का पहला दिन है
बच्चा हँसा पड़ोसी के घर
वही, बन्धु, सुर
नये साल का
सोनबरन है कौंध हवा में
जल सोनलाया उधर ताल का
भोग रहा सुख
आँगन डूबा हुआ ध्यान में
नये साल का पहला दिन है
राख हुई थी जो पगडंडी
उस पर भी
उग रही घास है
मौसम भीतर का भी, देखो
पहने फूलों का लिबास है
जोगी का
इकतारा बोला नई तान में
नये साल का पहला दिन है
- कुमार रवीन्द्र |
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नव वर्ष अभिनंदन
प्रिय
पाठकों, इस अंक के साथ अनुभूति अपने सोलहवें वर्ष में प्रवेश कर रही है। आप
सभी का अभिनंदन
और नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ। -
टीम अनुभूति |
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उत्सव नव वर्ष
का
गीतों में-
छंदों में-
अंजुमन में-
छंदमुक्त में-
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