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देवी वंदना |
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हे करुणामयि! हे ममतामयि!
भक्तवत्सला मातु
नमामि!
नाना लोभ
मोह मद मत्सर
करते घात अपरबल निशिचर
माँ! सकोप संहारो इनको
आर्तनाद करते तव अनुचर
हे भयहारिणि! हे भवतारिणि!
कालि-मंगला मातु
नमामि!
काम क्रोध
तृष्णा भयकारी
विषय वासना से मति हारी
भँवर पड़े माँ, तारो हमको
सब तज आये शरण तुम्हारी
हे अरिमर्दिनि! हे सुखसर्जिनि!
कीर्तिउज्ज्वला मातु
नमामि!
निज चरणों
की भक्ति मुझे दो
पूजन की भी शक्ति मुझे दो
निशिदिन ध्याऊँ तुमको माता
वह अनुपम अनुरक्ति मुझे दो
हे दुःखभंजिनि! हे मनरंजिनि!
शांत शीतला मातु
नमामि!
- अमिताभ त्रिपाठी 'अमित' |
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इस पखवारे
मातृशक्ति
विशेषांक में
गीतों में-
अंजुमन में-
छंदमुक्त
में-
छंदों में-
हाइकु में-
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